Jwala Ki Shant Lapat

By:

Shikha Kumari Dubey

200.00

Category

ISBN:

9789368684817

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Description

‎”यह एक आत्मकथात्मक शैली में लिखी गई भावनात्मक कथा है!
‎जिसमें हर शब्द मेरे अनुभवों से निकला है,
‎ना कि किसी कल्पना से।
‎यह कहानी कहीं से गढ़ी नहीं गई है —
‎बल्कि इसे जिया गया है!
इसीलिए मैं इसकी शैली को मैं कहती हूँ — “ईमानदार लेखन”! ‎

‎यह एक लड़की की आत्मा की आवाज़ है ,
‎जिसमें आत्मकथा, सामाजिक चिंतन, संघर्ष और कविता
‎सभी एक साथ बहते हैं, एक ही धार में।
‎”ज्वाला की शांत लपट उस स्त्री का रूप है—
‎जो न चीखती है, न डरती है,
‎बस धीरे-धीरे स्वयं को जलाती रहती है !
ताकि दुनिया में कुछ रौशनी पहुँच!

यह कहानी है उस नारी की, जो वर्षों से समाज की सीमाओं में बंधी रही, चुप रही, मगर उसके भीतर एक अग्नि जलती रही — एक ऐसी आग,
जो न आवाज़ करती है, न आक्रोश, पर जला देने का माद्दा रखती है।
यह किताब उस ‘शांत लपट’ का बयान है — जो सब कुछ सहती है, लेकिन अंदर से टूटती नहीं।

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